मनोज कुमार पांडेय की नई कहानी “जेबकतरे का बयान”
मनोज कुमार पांडेयमेरे लिए वे कथाकार बाद में हैं – दोस्त पहले हैं। 2004 में दोस्ती तब शुरू हुई थी ...
मनोज कुमार पांडेयमेरे लिए वे कथाकार बाद में हैं – दोस्त पहले हैं। 2004 में दोस्ती तब शुरू हुई थी ...
Normal 0 false false false EN-US X-NONE HI आशिक़-ए-रसूलशहादतAdd caption “ये लोग जो एक छोटी सी बात का बतंगड़ बनाकर ...
अनहद कोलकाता साहित्य और कलाओं की प्रतिनिधि वेब पत्रिका है। डिजिटल माध्यम में हिंदी में स्तरीय, विश्वसनीय, सुरुचिपूर्ण और नवोन्मेषी साहित्यिक पत्रिका की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए ‘अनहद कोलकाता’ का प्रकाशन 2009 से प्रारम्भ हुआ, तब से यह नियमित और अनवरत है। यह पत्रिका लोकतांत्रिक मूल्यों और प्रगतिशील चेतना के प्रति प्रतिबद्ध है। यह पूर्णतः अव्यवसायिक है। इसे व्यक्तिगत संसाधनों से पिछले 12 वर्षों से लागातार प्रकाशित किया जा रहा है। अब तक इसके 500 से भी अधिक एकल अंक प्रकाशित हो चुके हैं।
सर्वाधिकार सुरक्षित © 2009-2022 अनहद कोलकाता by मेराज.